Search This Blog

Thursday, September 14, 2017

म्यारा लाटा mera lata( MAA)

म्यारा लाटा

लाटा म्यारा कन बिसरी हमथे, कख बिसरी तु अपना गौ थे।
गौ  मुलुक  छोड़ीक अपना,  परदेश एमए छा तुम बसना।।
अपना बचपन का दिन बिसरी, भै बैनों और माँ थे बिसरी॥
अपना गौ  गल्यू  थे  छोड़ी, कख गे लाटा घर गौ थे छोड़ी॥
लाटा म्यारा कन बिसरी हमथे, कख बिसरी तु अपना गौ थे।

जै डन्ड्याली चौका मा खेली, कख गे तु लोखुंका का गैली॥
यखी छन तेरा खेल खिलौना, जौं थे देखि म्यारा दिन काटोना॥
झट औ बेटा  तु  घर दौड़ी, वापस कभी ना जै तु मे थै छोड़ी॥
लाटा म्यारा कन बिसरी हमथे, कख बिसरी तु अपना गौ थे।

मेरा लाटा कुछ मजबूरी छन, गौ का भी सभी लोग शहर मा छन।
तु फिकर नि करी म्यारा लाटा, राई शहर मा आराम से लाटा
अच्छा लत्ता कपड़ा बूट पैनी, फिकर मा मेरी परेशान नि रैनी।
लाटा म्यारा कन बिसरी हमथे, कख बिसरी तु अपना गौ थे।

याद तेरी भौत सतान्दी मै थै, थर थरान्दी जिकुडी मा ढुंगा धेरी॥
बोलु त्वै मा एक बात बेटा ,ना दीखे बच्चों थै बड़ा शहर अपना॥
तेरु भी शहर लगालू छोटु,  कब तक ऊनथे कब तक ढूंड्नी रैली॥
लाटा म्यारा कन बिसरी हमथे, कख बिसरी तु अपना गौ थे।

मि त छौं अनपढ़ लाटा म्यारा, मै जनि नि देखि तु सुपीन्या॥
व्है गयों बौल्या याद मा त्यारा,बातों थै मेरी दिल मा ना लगैना॥
लाटा म्यारा कन बिसरी हमथे, कख बिसरी तु अपना गौ थे।

गौ  मुलुक  छोड़ीक अपना,  परदेश एमए छा तुम बसना।।

1 comment: