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Thursday, November 23, 2017

न उकाल न उन्दार garhwali geet

न उकाल न उन्दार
न उकाल न उन्दार सीधू सैणु धार धार
गौ कू बाटू मेरा गौ कू बाटू
ऐ जाणू कभी मठु माठु मठु माठु
भला लोग भलु समाज गोऊ पिठाई कू रिवाज
खोली खोलियो म गणेश
मोरी नारेयण बिराजे मेरा गोऊ मा
देवी दय्बतो का थान
धरम करम पुण्य दान
छोटू बडो सबो मान
पोणु दय्बता समान मेरा गोऊ मा
बन खेती हो खल्याँ
मिल बाटी होंदी धानं
कुई फोजी कोई किसान
एक जि इकि प्राण मेरा गोऊ मा
सेरा ओखाड्यु मा नाज
वन हरयाली कु राज
बाडी सगोड्यु मा साग
जख तक तारकजी मेरा गोऊ मा-2
नोला मागरियो को पानी
छ्खी अमृत जनि
लेनी पेनी पीनी खानि
राखी मन मा न सयानी मेरा गोऊ मा
गौड़ी भैस्यु का खरग
घ्यु दूधो का छरग
म्यारो रोतेलो मुलुक
मकु एखि छ स्वर्ग मेरा गोऊ मा
कोथीग बिरेना की देर
बेटी ब्वारी कोथिगेर
दानं नचाद गितेर
जवान माया का स्वदेर मेरा गौ मा
काफल बुरांश का बोण
काकू हिलाश की धोन्
मीठी बोली मीठी भाषा
लिजा ऍच समलोंण मेरा गौ मा

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